आगरा का सूर सरोवर दूर दूर से उड़कर आने वाले पक्षियों के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है। पक्षियों के लिए ही नहीं बर्ड लवर्स के लिए भी यह नया स्वर्ग है। यहाँ अब पक्षी प्रजातियां जैसे नाइट हेरॉन, बार हेडेड गूज, स्पूनबिल, टर्निंग ग्रे गूज, पिंटेल और ब्रश डक का भी आसानी से अवलोकन किया जा सकता है । सूर सरोवर को 1991 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। सूर सरोवर वन्यजीव अभयारण्य उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से 17 किमी दूर, 15 एकड़ के हरे-भरे विस्तार में स्थित है। 1991 में स्थापित इस अभयारण्य का क्षेत्रफल 4 वर्ग किमी है। अभयारण्य में स्थानीय और प्रवासी पक्षी, सियार, नेवले और खरगोश भी घूमते देखे जा सकते हैं हैं। कीथम, आगरा में सूर सरोवर आर्द्रभूमि, दिल्ली से 175 किमी दूर है। यह प्राकृतिक सौंदर्य का स्थान है। इस जगह ने कवि सूरदास को “भक्ति काव्य” की रचना करने के लिए प्रेरित किया, जो अब तक लिखी गई भक्ति कविता के बेहतरीन टुकड़ों में से एक है। अभयारण्य के भीतर 2.25 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करने वाली एक बड़ी झील है जिसकी गहराई 4 मीटर से 8 मीटर तक है।